Vom Thema belegte Seiten: [1 2] > | Off topic: हिंदी के कवि: आपको कौन-से कवि सर्वाधिक पसंद हैं? Initiator des Themas: Ritu Bhanot
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जब हिंदी का फ़ोरम शुरू हो ही गया है तो मुझे लगा क्यों न हम साहित्य के विषय में भी कुछ चर्चा करें ! क्या विचार है ?
अगर जीवन एक कविता है तो कवि के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती । इसमें को�... See more जब हिंदी का फ़ोरम शुरू हो ही गया है तो मुझे लगा क्यों न हम साहित्य के विषय में भी कुछ चर्चा करें ! क्या विचार है ?
अगर जीवन एक कविता है तो कवि के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती । इसमें कोई शक नहीं कि सबसे बड़ा कवि तो ईश्वर है । पर हम भारतवासियों की रग-रग में कविता बसी है ।
हाल ही में मैं कुछ नयी पीढ़ी के बच्चों के साथ कवियों के विषय में बात कर रही थी तो मुझे यह जान कर बहुत दुख हुआ कि उनमें से कोई भी हिंदी कविता के विषय में कुछ विशेष जानकारी नहीं रखता था ।
और तो और राष्ट्रकवि दिनकर का नाम सुनकर उन्हें इतनी हैरानी हुई कि... मुझे यह लगा कि शायद मैं ही गलत बोल गयी ।
तो रामधारी सिंह दिनकर के इन शब्दों के साथ शुभारम्भ करें :
एक द्रुम जिसके लगाये लग सके देश का सबसे बड़ा गायक वही है ।
तो आप के विचार से इस देश के किस गायक से आप सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं? ▲ Collapse | | | Sanjiv Sadan (X) Local time: 16:14 Englisch > Hindi + ...
कहते हैं जहाँ न पहुंचे रवि, वहाँ पहुंचता हैं कवि
मुझे बिहारी सबसे अधिक पसन्द हैं। बिहारी सतसई जैसे छोटे से काव्य-ग्रंथ ने उन्हें हिन्दी साहित्य में अमर कर दिया है। केवल दो पंक्तियो के दोहों में उन्होंने भावों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया है। ऐसा लगता है, मानों गागर में सागर भर दिया हो। इसीलिए तो किसी आलोचक ने कहा हैः
सतसइया के दोहरे, ज्यों नावक के तीर
देखन में छोटे लगें, घाव करें गम्भीर | | | Strange but true..... | Feb 23, 2007 |
Ritu Bhanot wrote:
जब हिंदी का फ़ोरम शुरू हो ही गया है तो मुझे लगा क्यों न हम साहित्य के विषय में भी कुछ चर्चा करें ! क्या विचार है ?
अगर जीवन एक कविता है तो कवि के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती । इसमें कोई शक नहीं कि सबसे बड़ा कवि तो ईश्वर है । पर हम भारतवासियों की रग-रग में कविता बसी है ।
हाल ही में मैं कुछ नयी पीढ़ी के बच्चों के साथ कवियों के विषय में बात कर रही थी तो मुझे यह जान कर बहुत दुख हुआ कि उनमें से कोई भी हिंदी कविता के विषय में कुछ विशेष जानकारी नहीं रखता था ।
और तो और राष्ट्रकवि दिनकर का नाम सुनकर उन्हें इतनी हैरानी हुई कि... मुझे यह लगा कि शायद मैं ही गलत बोल गयी ।
तो रामधारी सिंह दिनकर के इन शब्दों के साथ शुभारम्भ करें :
एक द्रुम जिसके लगाये लग सके देश का सबसे बड़ा गायक वही है ।
तो आप के विचार से इस देश के किस गायक से आप सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं?
| | | Strange but true.... | Feb 23, 2007 |
Hi Ritu,
What you say is quite true....emphasis on the great poets in hindi has taken a back seat.
Among the Hindi poets I love Thulasidas.
Best Regards,
Georgina | |
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आनंद Local time: 16:14 Englisch > Hindi मैंने पाश की कविताएं पढ़ी हैं। | Feb 23, 2007 |
इस फोरम में साहित्य का जिक्र देखकर बहुत सुखद आश्चर्य हुआ।
मुझे गायकों में शैलेंद्र पसंद हैं। उनकी आवाज़ बहुत ही साफ है और सीधे दिल तक उतरती है। बॉबी, तराना इत्यादि फिल्मों के गाने अभी भी बह�... See more इस फोरम में साहित्य का जिक्र देखकर बहुत सुखद आश्चर्य हुआ।
मुझे गायकों में शैलेंद्र पसंद हैं। उनकी आवाज़ बहुत ही साफ है और सीधे दिल तक उतरती है। बॉबी, तराना इत्यादि फिल्मों के गाने अभी भी बहुत अच्छे लगते हैं। कवियों को तो ज़्यादा नहीं पढ़ा है, परंतु पाश कवि की कविताएं बहुत प्रेरक लगती हैं। पाश उनका उपनाम है, पूरा नाम अवतार सिंह संधु है।
http://www.anubhuti-hindi.org/kavyasangam/panjabi/pash/index.htm
उनके कविता संग्रह के हिंदी अनुवाद उपलब्ध है। कुछेक कविताएं जैसे "बीच का रास्ता नहीं होता", "सबसे खतरनाक़ होता है हमारे सपनों का मर जाना" इत्यादि काफी प्रेरक है। समय निकालकर अवश्य पढ़ें। ▲ Collapse | | | Ritu Bhanot Frankreich Französisch > Hindi + ... THEMENSTARTER
सुझाव के लिये धन्यवाद, समय मिलने पर ज़रूर पढ़ूंगी
किसी कारण से ऊपर यह शब्द ठीक से नहीं आ रहे... प्रोज़ के हिंदी संस्करण में कुछ समस्या ?
dubsur wrote:
इस फोरम में साहित्य का जिक्र देखकर बहुत सुखद आश्चर्य हुआ।
मुझे गायकों में शैलेंद्र पसंद हैं। उनकी आवाज़ बहुत ही साफ है और सीधे दिल तक उतरती है। बॉबी, तराना इत्यादि फिल्मों के गाने अभी भी बहुत अच्छे लगते हैं।
लगता है आपने दिनकर की यह कविता नहीं पढ़ी...
इस कविता में गायक का अर्थ "कवि" है । कवि क्योंकि गीत का जन्म कवि के हृदय में होता है ।
शायद साहित्य के प्रति मेरा रुझान इसलिये अधिक है क्योंकि मैं भी कभी-कभार कलम चला लेती हूँ । मेरे विचार में कलम चलाना तलवार चलाने से तो बेहतर ही है । और फिर कलम के घाव कई बार तलवार के घाव से कहीं अधिक गंभीर होते हैं ।
और जो भावना का आवेग कलम से प्रकट होता है तलवार से तो वह खत्म हो जाता है । कविता शुरूआत भी है और अंत भी परंतु तलवार केवल मृत्यु... सन्नाटा ।
मेरे प्रिय कवियों में दिनकर, महादेवी वर्मा, बच्चन, मैथिलीशरण गुप्त, सुभद्रा कुमारी चौहान शामिल हैं ।
बच्चन की मधुशाला और दिनकर का कुरुक्षेत्र मुझे अत्यंत प्रिय हैं ।
दोहों में रसखान का जवाब नहीं, तो मीरा ने अपने भजनों में इतना प्रेम डाला है कि आँखें छलक जायें । हरिऔध भी मुझे कुछ कम पसंद नहीं ।
परंतु मैं निराला की क्रंदन करती कविता को नहीं सह सकती । जीवन में दुख हो तो कविता आप के जीवन को सुखों से भर सकती है । कवि तो स्वयं अनेक संसारों की रचना करने की क्षमता रखता है फिर वह इतना कमज़ोर कैसे पड़ सकता है?
किसी ने कवि की तुलना ब्रह्मा से की है, फिर ब्रह्मा इतना विवश?
निराला का कमज़ोर रूप मुझे कई बार विचलित कर देता है ।
[Edited at 2007-02-23 15:07] | | | Ritu Bhanot Frankreich Französisch > Hindi + ... THEMENSTARTER मुँह से शब्द छीनना तो कोई आपसे सीखे | Feb 23, 2007 |
संजीव, सच है बिहारी के शब्द भी मन को छू जाते हैं ।
सतसइया के दोहरे, ज्यों नावक के तीर
देखन में छोटे लगें, घाव करें गम्भीर
आपने तो मेरे मन की बात कह दी ।
[Edited at 2007-02-23 15:14] | | | Kamta Prasad (X) Indien Local time: 16:14 Englisch > Hindi + ... muktibodh mere priya kavi | Feb 23, 2007 |
Ritu Bhanot wrote:
जब हिंदी का फ़ोरम शुरू हो ही गया है तो मुझे लगा क्यों न हम साहित्य के विषय में भी कुछ चर्चा करें ! क्या विचार है ?
अगर जीवन एक कविता है तो कवि के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती । इसमें कोई शक नहीं कि सबसे बड़ा कवि तो ईश्वर है । पर हम भारतवासियों की रग-रग में कविता बसी है ।
हाल ही में मैं कुछ नयी पीढ़ी के बच्चों के साथ कवियों के विषय में बात कर रही थी तो मुझे यह जान कर बहुत दुख हुआ कि उनमें से कोई भी हिंदी कविता के विषय में कुछ विशेष जानकारी नहीं रखता था ।
और तो और राष्ट्रकवि दिनकर का नाम सुनकर उन्हें इतनी हैरानी हुई कि... मुझे यह लगा कि शायद मैं ही गलत बोल गयी ।
तो रामधारी सिंह दिनकर के इन शब्दों के साथ शुभारम्भ करें :
एक द्रुम जिसके लगाये लग सके देश का सबसे बड़ा गायक वही है ।
तो आप के विचार से इस देश के किस गायक से आप सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं?
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Rajan Chopra Indien Local time: 16:14 Mitglied (2008) Englisch > Hindi + ... विरह-वेदना के अमर गायक - घनानन्द | Feb 23, 2007 |
कविता वही वास्तविक होती है जो आत्मा को झकझोर कर रख दे, जो हृदय के तारों को छेड़ दे, जो हमें कुछ सोचने के लिए मजबूर कर दे।
हमारा यह सौभाग्य है कि हिन्दी जगत में कई मूर्धन्य, यशस्वी, प्रतिभाशाल... See more कविता वही वास्तविक होती है जो आत्मा को झकझोर कर रख दे, जो हृदय के तारों को छेड़ दे, जो हमें कुछ सोचने के लिए मजबूर कर दे।
हमारा यह सौभाग्य है कि हिन्दी जगत में कई मूर्धन्य, यशस्वी, प्रतिभाशाली और ओजस्वी कवियों ने अपनी रचनाओं से हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है और पाठकों और श्रोताओं को अपने अनुपम और महान कृतित्व से रस के सागर में डुबकियाँ लगवाई हैं।
मुझे घनानन्द बहुत पसन्द हैं क्योंकि रचनाएँ दिल से निकली हुई लगती हैं। वे विरह, वियोग, वेदना और पीड़ा के काव्य के महान रचयिता हैं और कविता के इस क्षेत्र में उनका कोई सानी नहीं। उनकी कविताओं की यह विशेषता है कि उनके कथ्य और सन्देश को हाड़-माँस से बने हुए प्रेमी और प्रेमिकाओं पर भी आरोपित किया जा सकता है और इसे पिता परमात्मा अर्थात ईश्वर के लिए भी समझा जा सकता है। ▲ Collapse | | | Anil Goyal Indien Local time: 16:14 Englisch > Hindi + ... वो ज़माना याद आया... | Feb 24, 2007 |
Ritu Bhanot wrote:
हाल ही में मैं कुछ नयी पीढ़ी के बच्चों के साथ कवियों के विषय में बात कर रही थी तो मुझे यह जान कर बहुत दुख हुआ कि उनमें से कोई भी हिंदी कविता के विषय में कुछ विशेष जानकारी नहीं रखता था ।
रितु,
इसे पढ़ने के बाद मैं खुद भी आत्मग्लानि से भर गया. नई पीढ़ी तो चलो ठीक है, हमने उन्हे वो वातावरण ही नहीं दिया तो उनसे उम्मीद भी क्यों करें, लेकिन हम खुद क्या कर रहे हैं? मुझे याद नहीं पड़ता बरसों से कोई साहित्यिक पत्रिका मैंने पढ़ी हो. कॉलेज के ज़माने में मैं सारिका पढ़ता था. इन सारे कवियों के साथ साथ अज्ञेय और भी न जाने कौन कौन.. लेकिन आज जब ये नाम सामने आए तो वो ज़माना फिर से याद आ गया.
"तूफानों की और घुमा दो नाविक निज पतवार.." जैसी कविताओं से मैं प्रेरणा लिया करता था, पर आज
"जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ..."
शायद वक्त आ गया है कि इस आपाधापी से अपने आप को बाहर निकाला जाए. | | | Ritu Bhanot Frankreich Französisch > Hindi + ... THEMENSTARTER जब जागो तभी सवेरा | Feb 24, 2007 |
अनिल,
सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगी कि मेरा नाम 'ऋतु' है । मैंने कभी अपना नाम लिखने के लिये 'रितु' का प्रयोग नहीं किया
आपके विचार कुछ हद तक सही हैं । हाँ, मैं बहुत... See more अनिल,
सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगी कि मेरा नाम 'ऋतु' है । मैंने कभी अपना नाम लिखने के लिये 'रितु' का प्रयोग नहीं किया
आपके विचार कुछ हद तक सही हैं । हाँ, मैं बहुत अधिक तो नहीं पढ़ती परंतु साहित्य अमृत (प्रभात प्रकाशन) ज़रूर पढ़ती हूँ ।
कम से कम जितना हो सके ।
पर आजकल अधिक पढ़ने का समय ही नहीं मिलता । फिर तीन भाषाओं पर एक सा ध्यान केंद्रित करना भी संभव नहीं है । एक ज़माना था कि मैं कवि सम्मेलनों में जाया करती थी । साहित्यिक गोष्ठियों में भी भाग लिया । चूंकि मैं स्वयं भी लिखती हूँ इसलिये यह बहुत ही रोचक अनुभव था । परंतु यह सब जहाँ होता था वे स्थान मेरे वर्तमान निवास से काफी दूर हैं ।
फिर भी कोशिश करती हूँ कभी-कभार भाग लेने की ।
आज मैं भावभूति रचित उत्तररामचरित नामक नाटक देखने जा रही हूँ । अधिक लिखती मगर यह काम यथाशीघ्र खत्म करना चाहती हूँ जिससे कि मेरे काम की भी हानि न हो और मेरा मनोरंजन भी हो जाये ।
चलिये, फिर मिलेंगे, इन्हीं गलियों में ।
ऋतु
[Edited at 2007-02-24 04:46] ▲ Collapse | | | Deependra Pandey Indien Local time: 16:14 Mitglied (2005) Englisch > Hindi + ... पाश महान हैं। | Feb 25, 2007 |
हैलो सर, मैंने पाश को काफी पढ़ा है। वाकई, ''सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना'' जैसे कविता को पाश ने जो सजाया है, बेहद प्रेरक है। और ''बीच का रास्ता नहीं होता'' तो पूरी एक किताब है।
साथ ह... See more हैलो सर, मैंने पाश को काफी पढ़ा है। वाकई, ''सबसे खतरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना'' जैसे कविता को पाश ने जो सजाया है, बेहद प्रेरक है। और ''बीच का रास्ता नहीं होता'' तो पूरी एक किताब है।
साथ ही जो बात पाश की कविताओं में नज़र आती है, वही बात आप दुष्यंत कुमार की शायरी में भी बखूबी देख सकते हैं।
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दीपेन्द्र
dubsur wrote:
इस फोरम में साहित्य का जिक्र देखकर बहुत सुखद आश्चर्य हुआ।
मुझे गायकों में शैलेंद्र पसंद हैं। उनकी आवाज़ बहुत ही साफ है और सीधे दिल तक उतरती है। बॉबी, तराना इत्यादि फिल्मों के गाने अभी भी बहुत अच्छे लगते हैं। कवियों को तो ज़्यादा नहीं पढ़ा है, परंतु पाश कवि की कविताएं बहुत प्रेरक लगती हैं। पाश उनका उपनाम है, पूरा नाम अवतार सिंह संधु है।
http://www.anubhuti-hindi.org/kavyasangam/panjabi/pash/index.htm
उनके कविता संग्रह के हिंदी अनुवाद उपलब्ध है। कुछेक कविताएं जैसे "बीच का रास्ता नहीं होता", "सबसे खतरनाक़ होता है हमारे सपनों का मर जाना" इत्यादि काफी प्रेरक है। समय निकालकर अवश्य पढ़ें। ▲ Collapse | |
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Deependra Pandey Indien Local time: 16:14 Mitglied (2005) Englisch > Hindi + ...
हैलो रितु, एक समय था जब मैं प्रभात प्रकाशन की ''साहित्य अमृत'' को डिज़ायन किया करता था। वर्तमान समय में ये एक बेहतरीन मैगज़ीन है।
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दीपेन्द्र
Ritu Bhanot wrote:
अनिल,
सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगी कि मेरा नाम 'ऋतु' है । मैंने कभी अपना नाम लिखने के लिये 'रितु' का प्रयोग नहीं किया
आपके विचार कुछ हद तक सही हैं । हाँ, मैं बहुत अधिक तो नहीं पढ़ती परंतु साहित्य अमृत (प्रभात प्रकाशन) ज़रूर पढ़ती हूँ ।
कम से कम जितना हो सके ।
पर आजकल अधिक पढ़ने का समय ही नहीं मिलता । फिर तीन भाषाओं पर एक सा ध्यान केंद्रित करना भी संभव नहीं है । एक ज़माना था कि मैं कवि सम्मेलनों में जाया करती थी । साहित्यिक गोष्ठियों में भी भाग लिया । चूंकि मैं स्वयं भी लिखती हूँ इसलिये यह बहुत ही रोचक अनुभव था । परंतु यह सब जहाँ होता था वे स्थान मेरे वर्तमान निवास से काफी दूर हैं ।
फिर भी कोशिश करती हूँ कभी-कभार भाग लेने की ।
आज मैं भावभूति रचित उत्तररामचरित नामक नाटक देखने जा रही हूँ । अधिक लिखती मगर यह काम यथाशीघ्र खत्म करना चाहती हूँ जिससे कि मेरे काम की भी हानि न हो और मेरा मनोरंजन भी हो जाये ।
चलिये, फिर मिलेंगे, इन्हीं गलियों में ।
ऋतु
[Edited at 2007-02-24 04:46] | | | Ritu Bhanot Frankreich Französisch > Hindi + ... THEMENSTARTER मेरा नाम ऋतु है!!! | Feb 25, 2007 |
हैलो रितु, एक समय था जब मैं प्रभात...
रितु,
इसे पढ़ने के...
कम से कम मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि मुझे हिंदी के फ़ोरम में यह दोहराना पड़ेगा ।
पाश की जिन कविताओं के विषय में आपने चर्चा की है, वे मैंने पढ़ीं हैं परंतु अधिक नहीं... जितना मैंने बच्चन, दिनकर, गा़लिब, मीरा या कबीर को पढ़ा है उतना किसी अन्य कवि को नहीं पढा़ । इनकी रचनाएं आज भी मेरी व्यक्तिगत पुस्तकशाला की शोभा बढा़तीं हैं । एक दुख ज़रूर है, मैं कई वर्षों से बच्चन की मधुकलश नामक रचना नहीं पढ़ पायी । मधुशाला, मधुबाला और मधुकलश... इनमें से दो तो मेरे पास हैं, परंतु बहुत खोजने पर भी 'मधुकलश' नामक रचना नहीं मिली ।
क्या आपमें से किसी ने यह पुस्तक (मधुकलश) पढ़ी है? या आपको पता हो कि यह पुस्तक मुझे कहाँ मिलेगी ?
खै़र, इच्छाओं का तो कोई अंत नहीं... जैसा कि गा़लिब ने कहा है: हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले...
[Edited at 2007-02-25 14:00] | | | Ritu Bhanot Frankreich Französisch > Hindi + ... THEMENSTARTER
आप सबकी बातें सुन मन में एक इच्छा हुई... काश, कुछ कवितायें ही सुन पाती । कुछ पुरानी यादें ताज़ा हो जातीं और कुछ नयी बात भी सुनने को मिलती...
मगर कॉपीराइट संबंधी रुकावटों के कारण नहीं जानती कि मै... See more आप सबकी बातें सुन मन में एक इच्छा हुई... काश, कुछ कवितायें ही सुन पाती । कुछ पुरानी यादें ताज़ा हो जातीं और कुछ नयी बात भी सुनने को मिलती...
मगर कॉपीराइट संबंधी रुकावटों के कारण नहीं जानती कि मैं आपसे यह निवेदन कर सकती हूँ या नहीं ।
अगर, कोई ऐसी समस्या न हो तो क्यों न एक नये विषय की शुरुआत करें जिसमें सभी अपनी पसंदीदा कुछ पंक्तियां सुना सकें या अपने पसंदीदा कवि की रचना के विषय में चर्चा कर सकें ।
क्या आपमें से किसी को इस विषय में जानकारी है?
कहा था, इच्छाओं का कोई अंत नहीं... ▲ Collapse | | | Vom Thema belegte Seiten: [1 2] > | To report site rules violations or get help, contact a site moderator: You can also contact site staff by submitting a support request » हिंदी के कवि: आपको कौन-से कवि सर्वाधिक पसंद हैं? Pastey |
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